ग़ालिब ने यह कह कर तोड़ दी तस्बीह (माला)..
गिनकर क्यों नाम लूँ उसका जो बेहिसाब देता है ।

(डॉ. सुधीर – सूरत)

पं. श्री रतनलाल मुख्तार जी ने परिग्रह की सीमा का नियम लिया ।
मंहगाई बढ़ती गयी, उन्होंने एक बार खाना शुरू कर दिया, और बढ़ी तो वे आधी धोती पहनने लगे ।
परिस्थितियों के साथ नियम नहीं बदलने चाहिये, बल्कि अपने आपको बदलें ।

पाठशाला

हनुमान और रावण में प्रतिस्पर्धा हो गयी ।
रावण ने पहले घूँसा मारा हनुमान सहजता से झेल गये ।
हनुमान ने मारा तो रावण बेहोश हो गया ।
हनुमान दु:खी ।
कारण ?
रावण बचा कैसे ?
मेरी साधना का फायदा क्या हुआ !!

ज्ञान की साधना करते रहें और वह ज्ञान हमारा संसार समाप्त न कर पाये/संसार से वैराग्य उत्पन ना कर पाये, उस ज्ञान का क्या फायदा !!!

जरा सा मुस्कुरा देना, होली मनाने से पहले |
हर गम को जला देना, होली जलाने से पहले |
मत सोचना की किस किस ने, दिल दुखाया है अब तक |
सबको माफ़ कर देना, रंग लगाने से पहले |

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