Some people always throw stones in your path.
It depends on you what you make with them, Wall or Bridge?
Remember you are the architect of your life.
(Mrs. Neelima – Mumbai)
मंदिर के बाहर भीख मांगते एक भिखारी से एक सेठ बोला –
यहां खड़े होकर भीख मांगने में शर्म नहीं आती !!
भिखारी – साब ! आती तो थी !
पर मैंने इसके लिए एक प्रयोग किया –
एक दिन मैं मस्जिद के बाहर खड़ा हुआ,
एक दिन मैं चर्च के बाहर गया,
एक दिन गुरूद्वारे के बाहर भीख मांगी,
जब मैंने हर जगह देखा, आप सब भी अंदर जा कर यही करते हैं, तो अब हिम्मत आ गई है ।
एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था ।
अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहे हैं ।
उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाथ फिराया, वो लड़का फिर चिल्लाया पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं ।
पिता की आँखों से आंसू निकल गए, पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था, उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चों जैसी हरकतें कर रहा है ।
आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाते ?
पिता ने कहा कि वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं, मेरा बेटा जन्म से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखें मिली हैं ।
नेत्रदान करें, किसी की जिंदगी में रोशनी भरें ।
None can destroy iron, but its own rust can !
Likewise, none can destroy a person, but his own mindset can.
Mr. Ratan Tata
ग़ालिब ने यह कह कर तोड दी तस्बीह(माला)..
गिनकर क्यों नाम लूँ उसका,
जो बेहिसाब देता है ।
(डा.सुधीर-सूरत)
सब बुराइयों से/बैर भावों से अंत में सब कर्मों से, तभी पूर्ण स्वतंत्रता मिल पायेगी ।
गणतंत्र दिवस मुबारक हो ।
Don’t think the garden loses its ecstasy in winter.
It’s quiet , but the roots are down there, riotous.
Jalaluddin Rumi
*उत्साह
**प्रचुर
संस्कार कभी मरते नहीं हैं, दब भले ही जायें ।
जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की ?
बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की ?
बेशक इंसान को ऊंचाई तक जाना है….
पर जहाँ से अपने ना दिखें वो उँचाई किस काम की ??
श्री संजय
एक काफिला सफ़र के दौरान अँधेरी सुरंग से गुजर रहा था ।
उनके पैरों में कंकरिया चुभी, कुछ लोगों ने इस ख्याल से कि किसी और को ना चुभ जाये, नेकी की खातिर उठाकर जेब में रख ली । कुछ ने ज्यादा उठाई कुछ ने कम । जब अँधेरी सुरंग से बाहर आये तो देखा वो हीरे थे ।जिन्होंने कम उठाये वो पछताए कि ज्यादा क्यों नहीं उठाए । जिन्होंने नहीं उठाए वो और पछताए ।
दुनिया में जिन्दगी की मिसाल इस अँधेरी सुरंग जैसी है और नेकी यहाँ कंकरियों की मानिंद है । इस जिंदगी में जो नेकी की वो आखिर में हीरे की तरह कीमती होगी और इन्सान तरसेगा कि और ज्यादा क्यों ना की ।
श्रीमति नीलम – दिल्ली
- Don’t let someone become a priority in your life, when you are just an option in their life.
Relationships work best when they are balanced.
- Never explain yourself to anyone. Because the person who likes you doesn’t need it,
and the person who doesn’t like you won’t believe it.
- When you keep saying you are busy, then you are never free.
When you keep saying you have no time, then you will never have time.
When you keep saying that you will do it tomorrow, then your tomorrow will never come.
- When we wake up in the morning, we have two simple choices-
Go back to sleep and dream,
or wake up and chase those dreams. - Choice is yours.
- We make them cry who care for us.
We cry for those who never care for us.
And we care for those who will never cry for us.
This is the truth of life, it’s strange but true.
Once you realize this, it’s never too late to change.
- Don’t make promises when you are in joy.
Don’t reply when you are sad.
Don’t take decision when you are angry.
Think twice, act once.
- Time is like river.
You can’t touch the same water twice, - because the flow that has passed will never pass.
एक शराबी बीच सड़क में पड़ा था । सब उसे बचने के लिये समझा रहे थे ।
वह सुन सबकी रहा था पर देख नहीं रहा था, आँखें मुंदी थी, इसलिये बच नहीं पा रहा था ।
हमारी स्थिति भी मोह के नशे में ऐसी ही तो है !!
मुनि श्री विनिश्चयसागर जी
सर्दी ज्यादा होने पर गर्म ऊनी कपड़े भी ठंड़े लगते हैं, जैसे कोई काम नहीं कर रहे हों । पर ऊनी कपड़े हटाने पर पता लगेगा (सर्दी बहुत लगने लगेगी) ।
पापोदय तीव्र होने पर पुरूषार्थ भी अप्रभावी लगने लगता है पर यदि नहीं किया तो पापोदय और तीव्र असर दिखाने लगेगा ।
चिंतन
F-E-A-R : has two meanings :
- Forgot Everything And Run
- Face Everything And Rise.
Mr. Ratan Tata
छोटा सा बाल गले में अटक जाये तो बेसुरा, दु:खदायी,
धर्मध्यान में बाल (बालक) ऐसा ही अवरोध है, बालहट, बालतप व्यवधान है ।
मन भी बालकवत है – सावधान !!
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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