उत्तर दिशा में पवित्र कैलाश पर्वत है ।
उस दिशा में पर्वत को स्मरण करके हम नमस्कार करते हैं ।
क्या उस दिशा में अपवित्र क्षेत्र नहीं हैं ?
हैं, पर हमारी दृष्टि पवित्रता की ओर रहती हैं ।
चिंतन
When ‘I’ is replaced by ‘We’,
Even
‘Illness’
Becomes
“Wellness”.
हमें वो चार लोग आज तक नहीं मिले ?
जिनको मेरी Personal Life में इतना Interest है कि घरवाले हमेशा बोलते हैं….
चार लोग देखेंगे तो लोग क्या कहेंगे ।
(धर्मेंद्र)
बच्चों के हाथ से ज़हर हटा दिया तो क्या उनको मरण से आजाद कर दिया ?
यदि ज़हर की जगह हथेली पर स्मैक रख दिया तो क्या बच्चे मरण से स्वतंत्र हो गये ?
नहीं अब तो घुट घुट कर मरेंगे ।
मुनि श्री मंगलानंद जी
विदेशियों से तो आजादी मिल गई, स्वदेशियों* से कब मिलेगी ?
- *अपने लोग जो भ्रष्टाचार रूपी स्मैक खाने का प्रचलन बढ़ा रहे हैं ।
- *अपने लोग जो मोह रूपी स्मैक खा/खिला रहे हैं ।
Problems can either make you or break you….
A hammer breaks the glass but shapes the steel….
It is purely your choice…?
कुछ लोगों की सार्थकता दुनिया में खुश्बू की तरह रहती है, रोज महसूस तो होते हैं पर दिखाई नहीं देते हैं ।
(श्री अरविंद बड़जात्या)
हिटलर ने थोड़े समय ड़राया, सालों राज्य किया ।
हम भी यदि ग्रहों/रागी देवी देवताओं से ड़र गये तो ज़िंदगी भर वे हम पर राज्य करते रहेंगे,
हो सकता है जन्मजमांतरों तक ।
ब्र. नीलेश भैया
Winning doesn’t make you a better person;
But being a better person will make you winner.
(Mr. Deepak Jaiswal)
आचार्य श्री विद्यासागर जी को उनके गुरू आचार्य श्री ज्ञानसागर जी जब 22 साल की उम्र में दिगम्बर मुनि बना रहे थे तब समाज वाले उनके पास समझाने पहुँचे कि इतनी कम उम्र में दीक्षा न लें ।
आचार्य श्री – वैराग्य तो अंतरंग प्रक्रिया है जो हो चुकी है, अब तो बाह्य औपचारिकता रह गयीं हैं ।
गांधी जी एक गाल पर थप्पड़ खाने के बाद दूसरा गाल इसीलिये आगे कर देते थे, क्योंकि वे जानना चाहते थे कि मेरे पाप का उदय समाप्त हुआ या नहीं ।
मुनि श्री विनिश्चयसागर जी
Your “I can” is more important than your “IQ”.
(Dr. Amit)
बचपन की वो अमीरी ना जाने कहाँ खो गयी….?
वर्ना कभी, बारिश के पानी में हमारे भी जहाज चला करते थे ।
(श्री संजय)
तकदीर बदल जाती है जब ज़िंदगी का कोई मकसद हो,
वरना ज़िंदगी कट जाती है तकदीर को इल्ज़ाम देते देते ।
(श्री दीपक जैसवाल – ग्वालियर)
Entire water of the sea can’t sink a ship unless it gets inside the ship.
Similarly, negativity of the world can’t put you down unless you allow it to get inside you.
(Mr. Ravikant)
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