हम सबका पता भगवान के पास रहता है ।
गुम जाओ/अपने को पहचान ना पाओ तो उनके पास पहुँच जाओ, सब अपने अपने घर शीघ्र पहुँच जायेंगे ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

प्यासा कौवा पानी से आधे भरे घड़े में पत्थरों को ड़ालता है*, और अपनी प्यास बुझा लेता है** ।

*पुण्य जमा करता है, जो भविष्य में फलित होते हैं ।
**वर्तमान में भी शीतलता पाता है ।

चिंतन

वाहन को उल्टी दिशा में ले जाते समय ड्राईवर को बहुत सावधान रहना पड़ता है, गति बहुत कम रखना होती है, फिर भी टकराने का भय बना रहता है ।
सही दिशा बहुत महत्वपूर्ण है और सुरक्षित भी ।

ड़ॉ एस. एम. जैन

व्यक्ति और व्यक्तित्व में उतना ही अंतर है, जितना जमीन और आसमान में ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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