मोह – घरवालों/प्रियजनों से,
पुरूषार्थ – मोह कम करने का प्रयास ।

श्री लालमणी भाई

सबसे ज्यादा उधारी बच्चों की माँ पर या माँ की बच्चों पर होती है,
तभी तो सबसे ज्यादा कष्ट सहकर उन्हें संसार में लाती है और सबसे ज्यादा प्रेम भी करती है ।
जैसे ड़ॉक्टर को हंसते हंसते मोटी मोटी रकम देकर हम खुश होते हैं ।

चिंतन

किसी अपवित्र वस्तु के संपर्क में आकर पवित्र वस्तु भी अपवित्र हो जाती है ।
अपवित्र भोजन लेने वालों के अंदर का धर्म भी अपवित्र हो जाता है ।

श्री लालमणी भाई

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