मैत्री जब बंध जाती है तब मोह बन जाती है ।
जब अबंध होकर, लोक में फैल जाती है तब भगवान की प्रार्थना बन जाती है ।
श्रीमति शर्मा
जिसकी आने की तिथि निश्चित न हो,
ऐसे महमान के आने पर आप घबराते हैं, दुखी होते हैं या उनका स्वागत करते हैं ?
मृत्यु भी तो अतिथि है, उसका स्वागत क्यों नहीं करते ??
चिंतन
Blind man went to a temple –
Everyone laughed at him, “you can’t see the GOD, than why are you here?”
Blind man said – ” so what, at least GOD can see me” HAVE FAITH
(Dr Amit)
1) पिछ्ले नव-वर्षों में जितनी खुशियाँ मिली हों, वे सब इस नववर्ष में मिलें,
जितने धर्म-कर्म पिछ्ले नव-वर्षों में किये हों,वे सब इस नववर्ष में तथा अगले नये वर्षों तक करते रहें ।
2) नववर्ष में हम सब की कमजोरियाँ कमजोर हों,
और मजबूतियाँ मजबूत हों ।
कल्याण का मार्ग एकता में है,
अनेकता ही ने तो संसार बनाया है ।
क्षु. श्री गणेशप्रसाद वर्णी जी
When time is never ready to wait for us,
then why do we always wait for the right TIME ?
there is no wrong time to do the right things.
(Dr. Sudheer)
एक दिन किसी ने मुझसे पूछा – कोई अपना तुम्हें छोड़कर चला जाये तो तुम क्या करोगे ?
मैंने हंसकर उसका ज़बाब दिया – अपना कभी छोड़कर जाता नहीं ,
और जो जाता है,वो अपना होता नहीं ।
(ड़ॉ. अमित)
संसार में सारी चीज़ ठोकर लगने से टूट सकती हैं,
मगर सिर्फ़ इंसान ही ऐसा है जो ठोकर लगने के बाद बनता है ।
(श्री मनीष – ग्वालियर)
We can not waste TIME,
we can only waste ourself.
बुंदेलखंड़ के राजा छ्त्रसाल का व्यक्तित्व बहुत आकर्षक था ।
एक महिला ने छत्रसाल जैसे व्यक्तित्व वाले बच्चे की प्राप्ति के लिये उनसे संबध बनाने की प्रार्थना की ।
राजा छत्रसाल – मैं तुमको अपनी माँ बना लेता हूँ ।
मायाचारी साँप जैसा होता है – ऊपर से सुंदर, चिकना, रसदार पर अंदर से जहरीला ।
चिंतन
Life itself can not give you anything unless you really work for it…
Life just gives you time and space,
it is up to you to fill it as much as possible.
(Dr. Sudheer)
क्या भरोसा है ज़िंदगी का, इंसान बुलबुला है पानी का ।
जी रहे हैं हम कपड़े बदल बदल कर, एक दिन एक ही कपड़े में ले जायेंगे लोग हमें, कंधे बदल बदल कर ।
(श्रीमति रिंकी)
विपत्ति झेलने से ही सम्पत्ति आती है,
सम्पत्ति प्राय: विपत्ति लाती है ।
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