मुस्कराहट वो हीरा है, जिसे आप बिना खरीदे पहन सकते हैं,
और जब तक ये हीरा आपके पास है, आपको सुंदर दिखने के लिये किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं है ।

(श्रीमति रिंकी)

वर्तमान मे जीना ही समझो “मन का स्थिर होना है” ।
आचार्य कहते हैं… सारी योजनायें छोड़ दो, मात्र वर्तमान का अनुभव करो ।
जो वर्तमान का उपयोग करेगा, वह अवश्य ही आगे चलकर वर्धमान बनेगा ।

(श्री संजय)

ढ़ाई वर्षीय तनुशा बड़ों के साथ बैठी थी । उसके छोटे नाना धार्मिक चर्चा कर रहे थे । तनु बोर हो रही थी । बड़ों ने उसे देखा और कहा – अब तुम्हारा नम्बर है, कहानी सुनाओ ।
तनु ने कहानी में छोटे नाना को Crocodile से मरवा दिया ।
उसकी झूठ-मूठ की चाय, झूठे झूलों की Rides में सुख था, धर्म चर्चा में नहीं ।

हम बड़े भी तो झूठी चीजों में ही सुख मान रहे हैं – पैसे में, Power, रूप आदि में ।

चिंतन

जब भी चिड़िया बनाती है अपना घोंसला,
उसके मन में रहता है बहुत हौसला ।
ऊँचाईओं का ड़र नहीं होता उसे,
क्योंकि अंज़ाम से ज्यादा मज़बूत होता है फैसला ।।

(श्री मनीष – ग्वालियर)

अच्छे विचार, अच्छे चिंतन को जन्म देते हैं ।
अच्छे चिंतन, अच्छे संस्कार का निर्माण करते हैं ।
अच्छे संस्कार, अच्छा चारित्र गढ़ते हैं ।
और अच्छा चारित्र ही निर्वाण /मोक्ष ले जाता है ।

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