जितनी उपेक्षा करोगे उतनी सुख,शांति पाओगे ।
इसका अर्थ यह नहीं कि घर वालों से संबंध ही छोड़ दें, उनसे बस मोह कम कर दें/ उनसे मूर्च्छा न रखें ।

क्षु. श्री गणेशप्रसाद वर्णी जी

मुस्कराहट वो हीरा है, जिसे आप बिना खरीदे पहन सकते हैं,
और जब तक ये हीरा आपके पास है, आपको सुंदर दिखने के लिये किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं है ।

(श्रीमति रिंकी)

वर्तमान मे जीना ही समझो “मन का स्थिर होना है” ।
आचार्य कहते हैं… सारी योजनायें छोड़ दो, मात्र वर्तमान का अनुभव करो ।
जो वर्तमान का उपयोग करेगा, वह अवश्य ही आगे चलकर वर्धमान बनेगा ।

(श्री संजय)

ढ़ाई वर्षीय तनुशा बड़ों के साथ बैठी थी । उसके छोटे नाना धार्मिक चर्चा कर रहे थे । तनु बोर हो रही थी । बड़ों ने उसे देखा और कहा – अब तुम्हारा नम्बर है, कहानी सुनाओ ।
तनु ने कहानी में छोटे नाना को Crocodile से मरवा दिया ।
उसकी झूठ-मूठ की चाय, झूठे झूलों की Rides में सुख था, धर्म चर्चा में नहीं ।

हम बड़े भी तो झूठी चीजों में ही सुख मान रहे हैं – पैसे में, Power, रूप आदि में ।

चिंतन

जब भी चिड़िया बनाती है अपना घोंसला,
उसके मन में रहता है बहुत हौसला ।
ऊँचाईओं का ड़र नहीं होता उसे,
क्योंकि अंज़ाम से ज्यादा मज़बूत होता है फैसला ।।

(श्री मनीष – ग्वालियर)

अच्छे विचार, अच्छे चिंतन को जन्म देते हैं ।
अच्छे चिंतन, अच्छे संस्कार का निर्माण करते हैं ।
अच्छे संस्कार, अच्छा चारित्र गढ़ते हैं ।
और अच्छा चारित्र ही निर्वाण /मोक्ष ले जाता है ।

Archives

Archives
Recent Comments

April 8, 2022

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728