Many problems in life get automatically sorted,
when you decide, not to give importance to them in life.

(Mr. Arvind Barjatya)

दु:ख छोड़ना आसान है,
सुख छोड़ना कठिन ।

ठंड़ से घबराकर कमरे में आना आसान,
ठंड़ में कमरे से बाहर जाना कठिन ।

आचार्य श्री विशुद्धसागर जी

हम लक्ष्मी के स्वागत में सजावट करते हैं/दीप जलाते हैं/पटाखे चलाते हैं(पर भूल जाते हैं-प्रदूषण को,अहिंसा को)

दीपावली दो महान कार्यों के लिये मनायी जाती है-
1) महावीर भगवान ने सबसे बड़ा वैभव (समवसरण)छोड़ा।
2) श्री राम ने लंका जीत कर वहाँ का राज्य छोड़ा।
याने-हम लक्ष्मी को बुलाते हैं ताकि हमारा संसार बढ़े,
पर हमारे भगवानों ने लक्ष्मी को छोड़ा और पाया मोक्ष-लक्ष्मी को।

आप क्या चाहते हो?
संसार या संसार से मुक्ति
??

चिंतन

धनतेरस को जैन आगम में धन्य-तेरस या ध्यान-तेरस भी कहते हैं ।
भगवान महावीर इस दिन तीसरे और चौथे ध्यान में जाने के लिये योग निरोध के लिये चले गये थे। तीन दिन के ध्यान के बाद योग निरोध करते हुये दीपावली के दिन निर्वाण को प्राप्त हुये ।
तभी से यह दिन धन्य-तेरस के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी/पं. रतनलाल बैनाडा जी

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