शव यात्रा चाहते हो या शिव यात्रा ?

आचार्य श्री विशुद्धसागर जी

अच्छे विचार, अच्छे चिंतन को जन्म देते हैं ।
अच्छे चिंतन, अच्छे संस्कार का निर्माण करते हैं ।
अच्छे संस्कार, अच्छा चारित्र गढ़ते हैं ।
और अच्छा चारित्र ही निर्वाण /मोक्ष ले जाता है ।

दु:ख छोड़ना आसान है,
सुख छोड़ना कठिन ।

ठंड़ से घबराकर कमरे में आना आसान,
ठंड़ में कमरे से बाहर जाना कठिन ।

आचार्य श्री विशुद्धसागर जी

हम लक्ष्मी के स्वागत में सजावट करते हैं/दीप जलाते हैं/पटाखे चलाते हैं(पर भूल जाते हैं-प्रदूषण को,अहिंसा को)

दीपावली दो महान कार्यों के लिये मनायी जाती है-
1) महावीर भगवान ने सबसे बड़ा वैभव (समवसरण)छोड़ा।
2) श्री राम ने लंका जीत कर वहाँ का राज्य छोड़ा।
याने-हम लक्ष्मी को बुलाते हैं ताकि हमारा संसार बढ़े,
पर हमारे भगवानों ने लक्ष्मी को छोड़ा और पाया मोक्ष-लक्ष्मी को।

आप क्या चाहते हो?
संसार या संसार से मुक्ति
??

चिंतन

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