शांति चाहने वाले “No Admission” का बोर्ड़ लटका लेते हैं ।
(“पर” को “निज” में नहीं आने देते)

आचार्य श्री विभवसागर जी

अशांति चाहते हो तो “To Let” का बोर्ड़ लगा लो ।
“पर” को बुला बुला कर अंदर रखो ।

कु. विनिता जैन – बरेली

सोने चांदी के बाजार में सफाई-कर्मचारी नालियों के कचड़े में बहुत खोजबीन करते हैं, कचड़ा छोड़ते जाते हैं और सोने चांदी के टुकड़े जमा कर लेते हैं ।

श्री सौरभ जैन नोयड़ा

मीठे फलों से बाजार भरा पड़ा है,
कड़वे भी तो पैदा होते होंगे !
वे क्यों नहीं दिखते ?
मीठे फलों के पेड़ लगाये जाते हैं/उगाये जाते हैं/जमा किये जाते हैं/भेंट में एक दूसरों को दिये जाते हैं ।

ऐसे ही, शुभ-भावों को उगायें, दूसरों के द्वारा उगाये हुओं को भी जमा करें, एक दूसरों के साथ बांटें ।

चिंतन

ज्ञान इतना उपयोगी नहीं,
ज्ञान होने से जो जीवन में सावधानी/विवेक आता है, वह उपयोगी है ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

परमामृत और अमृत में  क्या अंतर है ?
अमृत खुद ही सर्वोच्च है, फिर परमामृत ?

अमृत लिया और दिया जाता है,
परमामृत, आत्मा में महसूस किया जाता है, जैसे संतों के जीवन में ।

श्री लालमणी भाई

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