When we are in ANGER..
We are just one letter short of DANGER..

While we are GOOD to others..
We are one letter more than GOD.

Choice is OURS.

(Dr. Amit)

अकबर : सत्य और असत्य में कितना फ़र्क होता है ?
बीरबल : चार अंगुल का ।
कान से सुनी बात प्राय: असत्य, आँख से देखी प्राय: सत्य ।
कान और आँख में चार अंगुल का ही तो फ़र्क है ।

(श्री गौरव)

घड़े में जरा सी दरार पड़ जाये तो सारी छाछ निकल जाती है पर मक्खन घड़े में ही बना रहता है ।

हमारी श्रद्धा भी मक्खन जैसी होनी चाहिए ,जो छोटी मोटी दरार से ना निकलने पाये ।

चिंतन

कहते हैं – ऊंट एक तिनके के बोझ से बैठ जाता है ।

(वो तिनका, जिसके बाद वो और बोझा नहीं उठा पाता)

श्री सौरभ जैन – नोएड़ा

स्वर्ग/नरक जाने का फैसला, आखरी पुण्य/पाप क्रिया तय करती है ।

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