दुकान खोलते हैं ताकि ग्राहक ज्यादा आयें/फायदा ज्यादा हो ।

पूजापाठ क्यों करते हैं ?
भगवान बनने के लिये या श्रीमान बनने के लिये ?

आचार्य श्री विद्यासागर जी

मशाल बनें, जो स्वंय प्रकाशित होती है तथा दूसरों को भी प्रकाशित करती है ।
कम से कम, गीली लकड़ी ना बनें जो खुद भी प्रकाशित नहीं हो पाती और दूसरों की आंखों में प्रकाश की जगह धुंआ देती है ।

गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी

Archives

Archives
Recent Comments

April 8, 2022

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728