संग्रह लोभ से करते हैं,
लिप्सा अति लोभ से करते हैं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
पूज्य गुरूवर मुनि श्री के मंगल प्रवचन जिनवाणी चैनल पर प्रात: 10.30 बजे, सायं 5:25बजे एवं रात 9.15 प्रसारित हो रहे हैं ।
मंगल प्रवचन सुनकर धर्मलाभ लें ।
मन की मान्यताओं का नाम बंधन है ।
यह बंधन ही संसार है ।
सनक और हवस एक से होते हैं,
दोनों में ही दूसरों का ख्याल नहीं रखा जाता, सिर्फ अपना ही Interest ध्यान रहता है ।
चिंतन
बिजली की बचत के समर्थन में कारण बताये जाते हैं –
1. देश में बिजली की कमी
2. बचत
3. वातावरण की सुरक्षा ( खास तौर से Thermal power में )
पर अहिंसा का कारण चर्चा में बहुत कम आता है,
जबकि अहिंसक समुदाय के लिये ये बहुत महत्वपूर्ण है ।
बिजली चाहे किसी भी प्रकार से उत्पादित हो, हिंसा तो बहुत होती ही है ।
Atomic और Thermal power में पानी को उबालकर भाप बनाई जाती है, जिससे Turbines चलतीं है ।
विचार करें ! बिना छने पानी में कितने जीव मरते होंगे ?
Hydraulic power में भी पानी को turbine में भेजने से पहले बड़े बड़े जीव जाली में फंस कर या trap हो कर मर जाते हैं, छोटे छोटे जीव turbine में जाकर कट कट कर मरते हैं।
Solar energy में हिंसा सबसे कम है ।
उपरोक्त कारणों को देखते हुये क्या हमको बिजली की खपत कम से कम नहीं करना चाहिये ?
चिंतन
सुखी दो ही तरह के लोग होते हैं –
1. बच्चा
2. सच्चा
मुनि श्री सुनील सागर जी
We will definitely succeed in our life,
If we follow all the advices that we give to others.
(Dr. Sudheer)
किसी का भविष्य पता करना हो तो,
उसका भूत (Past) देख लें ।
Dr. P. N. Jain
दुश्मनों से प्यार होता जायेगा,
बस,
अपनों को आज़माते जाइये ।
(श्री अंकुश – बड़ौदा)
मंदिर में भगवान के दर्शन करने नहीं, उनके माध्यम से अपने दर्शन करने जाना चाहिये ।
अपने को पहचानने का माध्यम है, देवदर्शन ।
चिंतन
राजा को अपना उत्तराधिकारी चुनने में दुविधा हो रही थी – एक तरफ युवराज था जो की कम योग्य था, दूसरी तरफ पुरोहित का बेटा, जो बहुत योग्य था ।
राजा ने गुरु से सलाह ली और अपनी दुविधा बताई – एक अपना बेटा है और दूसरा पराया, पर है अधिक योग्य ।
क्या करूं ?
गुरु – शरीर के रोग अपने ही होते हैं,
पर उनका उपचार बाहरी जड़ीबूटियों से ही किया जाता है, क्योंकि उनमें बहुत गुण होते हैं ।
Chirping sparrow : April – June 2011
Positive Thinking is not about expecting the best to happen.
“It is about accepting that, whatever happens will be the best.”
( Mr. Pranjal)
मंदिर के द्वार पर लिखा –
कभी दूसरों के लिये मांग कर देखो,
अपनों के लिये मांगने की कभी भी जरूरत नहीं पड़ेगी ।
(श्री श्रेयांस भैया)
संसारिक ज्ञान संसार को मात दे सकता है,
आध्यात्मिक ज्ञान अपने आप को;
पर इससे संसार को जीता जा सकता है,
संसार से छूटा जा सकता है।
चिंतन
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