यदि सिंदूर को पत्नी माथे पर धारण करले तो उस एक चुटकी सिंदूर से पत्नी से पति बंध जाता है ।
ऐसे ही भक्ति/आदर से चुटकी भर धर्म भी हमारे भगवान/गुरू को बांध देता है ।
We spend our days waiting for the ideal path to appear in front of us.
But what we forget is that paths are made by walking.
Shri Anupam Tripathi
प्रियजनों का सामीप्य मिले तो ख़ुशी मिलती है न ?
यदि भगवान को प्रिय बनालो तो हर समय ख़ुशी ही ख़ुशी ।
चिंतन
बुरा लगना सामान्य बात है,
बुरा मानना बहुत बुरा है ।
(मानना यानि बुरा मान कर बैठ जाना)
बाई जी
गाली बैरंग चिट्ठी है, यदि ले ली तो दुगने पैसे देने पड़ेंगे ।
गाली का हिसाब विचित्र है , 1+1 = 2 नहीं होते बल्कि “11″ होते हैं ।
Every one is good to you., till you expect nothing from them……..
And you are too good to them only till you fulfill their expectation .
(Shri Dharmendra)
पूज्यता हितकारी की नहीं, हितकारी तो गोबर भी है ।
पूज्यता तो पंचपरमेष्ठी की ही होती है ।
जो कर्ज अदा करने का फ़र्ज निभाते हैं, उनके कोई मर्ज नहीं रहता ।
मुनि श्री सौरभसागर जी
चींटी चावल ले चली, बीच में मिल गयी दाल ।
कहि कबीर दोऊ ना चलें, एक लै दूजी ड़ार ।।
अगला विश्वयुद्ध भगवान के बनाये हुये इंसानों तथा इंसान के बनाये हुये इंसानों में होगा ।
क्योंकि इंसान इन Robots में सोचने की शक्ति ड़ालने का प्रयत्न कर रहा है और सोचने की शक्ति ही लड़ाई का कारण होती है ।
(श्री गौरव)
साँप का केंचुली छोड़ना बड़ी बात नहीं है,
साँप का ज़हर की थैली छोड़ना बड़ी बात है ।
आचार्य श्री विशुद्धसागर जी
मांझी पहले दूसरों को किनारे पर उतारता है फिर खुद उतरता है ।
गुरू/भगवान भी हमको पहले किनारे पहुंचाना चाहते हैं, फिर खुद मोक्ष जाते हैं ।
इसलिये ही तो भगवान ज्ञान प्राप्ति के बाद भी बहुत समय तक संसार में रहते हैं ।
(श्री सुनील )
We are not a chemical…
So think before we react.
सम्मान देने से व्यक्ति के गुण उजागर होते हैं, तब उनका उत्तरदायित्त्व और भी बढ़ जाता है कि वह उन गुणों को बरकरार रखें/उन्हें और बढ़ायें ।
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