प्रियजनों का सामीप्य मिले तो ख़ुशी मिलती है न ?
यदि भगवान को प्रिय बनालो तो हर समय ख़ुशी ही ख़ुशी ।

चिंतन

अगला विश्वयुद्ध भगवान के बनाये हुये इंसानों तथा इंसान के बनाये हुये इंसानों में होगा ।
क्योंकि इंसान इन Robots में सोचने की शक्ति ड़ालने का प्रयत्न कर रहा है और सोचने की शक्ति ही लड़ाई का कारण होती है ।

(श्री गौरव)

मांझी पहले दूसरों को किनारे पर उतारता है फिर खुद उतरता है ।
गुरू/भगवान भी हमको पहले किनारे पहुंचाना चाहते हैं, फिर खुद मोक्ष जाते हैं ।
इसलिये ही तो भगवान ज्ञान प्राप्ति के बाद भी बहुत समय तक संसार में रहते हैं ।

(श्री सुनील )

व्यवहार परिवार के साथ मोह पैदा करता है,
समाज के साथ सेवा भाव पैदा करता है ।
और जो सेवा नहीं करते वे विकलांग हैं ।

मुनि श्री सौरभसागर जी

Archives

Archives
Recent Comments

April 8, 2022

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728