यदि सुखी रहना चाहते हो तो आज से सभी जीव सुखी रहें यह विचार तो लाना,                            
पर उन्हें प्रसन्न करने का विचार मत लाना ।

(श्री संजय)

पीपल के पत्तों जैसा ना बनो, जो वक़्त आने पर सूख कर गिर जाते हैं,
बनो तो मेंहदी के पत्तों जैसा बनो, जो खुद पिस कर भी दूसरों की ज़िंदगी में रंग भर देते हैं ।

श्री कल्पेश भाई

पेड़ को पत्थर मारो, वह फल देता है ।
मनुष्य पेड़ को पत्थर मार कर, उससे फल लेता है ।

विचार करें !
पेड़ और मनुष्य को इन क्रियाओं का क्या क्या फल मिलेगा ?

चिंतन

आचार्य श्री विद्यासागर जी से जब श्री अन्ना हजारे के बारे में टिप्पणी माँगी तो उन्होंने कहा –
“जो काम अरबपति, करोड़पति नहीं कर पाए वो हज़ारपति कर रहा है ।”

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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