बंधन मुक्ति में बाधक नहीं होता, यदि हम उसे बंधन माने ही नहीं तो ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

दो बच्चे गुब्बारे फुला रहे थे ।
पहले ने कहा – मेरा गुब्बारा ज्यादा फूला है,
दूसरे ने अपना गुब्बारा और फुलाया,
उसे देख, पहले ने अपना और फुलाया,
दौनों के गुब्बारे फूट गये, दौनों रोने लगे।

प्रतिस्पर्धा में तो दौनों ही पक्ष  घाटे में रहते हैं ।

चिंतन

ज्ञान जानकारी के लिये होता है, उसका प्रयोग अनिवार्य नहीं होता ।
आइन्सटिन के Atomic Energy के ज्ञान से Atom Bomb के प्रयोग ने संसार को विघ्वंस के द्वार पर लाकर खड़ा कर दिया है।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

लालमणी भाई ने सूद पर पैसे देने का काम जब बन्द किया, उस समय 384 लोगों से कर्ज़ा वापिस लेना था।

जो जितना दे सका उससे उतना लेकर Cases बन्द कर रहे थे ताकि उसके प्रति कषाय का भाव न रहे। आखिरी के जब 23 Case बचे तो उन्होंने अपने २० वर्षीय नाती मंकू से कहा कि, ये स्थाई आमदनी का साधन है और ये लोग बहुत कम पैसा वापस देने की स्थिति में हैं, इन Cases को तुम बाद में देखते रहना।
मंकू ने कहा – नहीं, ये लोग जितना भी पैसा दे रहे हैं उनसे लेकर Cases को समाप्त कर दो वरना ये मरते समय दुःखी होकर जायेंगे कि हम कर्ज़ा उतार नहीं पाये।

असली फूलों के गुलदस्ते में से यदि एक फूल निकालकर नकली फूलों के गुलदस्ते में लगा दें और एक नकली फूल निकालकर असली गुलदस्ते में,
तो उस एक नकली फूल को सब असली समझने लगेंगे और असली फूल को नकली ।

चिंतन

गालियों के गणित में जोड़ कम, गुणनफल ज्यादा होते हैं ।
(तुम 3 गालियाँ दोगे, तो सामने वाला 6 नहीं 3×3=9 गालियाँ देगा)

गाली देना उसकी मर्जी है, पर लेना या ना लेना हमारी ।
गाली एक बैरंग ( Without Ticket ) चिट्ठी है, जो आपके पते पर आती है,
यदि लोगे तो दुगने टिकिट के पैसे देने होंगे ।

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