गालियों के गणित में जोड़ कम, गुणनफल ज्यादा होते हैं ।
(तुम 3 गालियाँ दोगे, तो सामने वाला 6 नहीं 3×3=9 गालियाँ देगा)

गाली देना उसकी मर्जी है, पर लेना या ना लेना हमारी ।
गाली एक बैरंग ( Without Ticket ) चिट्ठी है, जो आपके पते पर आती है,
यदि लोगे तो दुगने टिकिट के पैसे देने होंगे ।

हम कितने होशियार हैं – हमने ज्ञान को पुस्तक में, काल को घड़ी में और अमूर्तिक को मूर्तिक में बदल लिया है ।
हम मूर्तिक के आदी हैं, इसलिये सबको मूर्ति के रूप में ही देखना चाहते हैं ।

आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी

मंदिर का निर्माण कारीगर ऊपर चढ़कर ही करता है ।
चारित्र की सीढ़ी पर चढ़े बिना, व्यक्तित्व (धर्म) का निर्माण संभव नहीं है ।

आर्यिका श्री ज्ञानमति माताजी

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