भक्त की प्रार्थना से खुश होकर देव प्रकट हुये,
वरदान मांगने को कहा पर शर्त यह थी – जो भी तुम्हें दुंगा, उसका दुगना पड़ौसी को मिलेगा ।
भक्त ने मांगा – मेरी एक आंख फूट जाये ।
क्रोध से बचने के उपाय –
- विलम्ब करें ।
- कारणों और औचित्य पर विचार करें ।
- सकारात्मक सोचें ।
- वातावरण को हल्का बनाऐं ।
मुनि श्री क्षमासागर जी
One thing I like about the stones (Problems) which come in my way;
Once I pass them they automatically become milestones for me.
व्यवस्था अपने जीवन को व्यवस्थित करने के लिये होती है,
हर समय व्यवस्था के पीछे नहीं पड़े रहें कि आपका जीवन ही अव्यस्थित हो जाये ।
चिंतन
“Nothing is Impossible”
The word itself says – ‘I M Possible’
Never take life too seriously, no body gets out alive anyway………..
किसी भी आइने में चेहरा ज्यादा देर तक नहीं रहता,
परेशानियां भी ज्यादा देर तक नहीं रहती हैं ।
Life is more stricter than a teacher.
A teacher teaches a lesson and takes an exam.
But life takes an exam and teaches a lesson….
(Ku. Pranshi)
किसी दुकान में जाते हो, वहां अच्छे बुरे सब सामान होते हैं ।
कुछ लोग अच्छे-अच्छे सामान Select करते हैं,
कुछ लोग बुरे अथवा दौनों,
और कुछ बिना खरीदे ही बाहर आ जाते हैं । – (साधुजन)
हम कौन सी Category में हैं ?
चिंतन
ज़िन्दगी में दो लोगों का बहुत ख्याल रखना –
- वो जिसने तुम्हारी जीत के लिये बहुत कुछ हारा हो – पिता
- वो जिसको तुमने हर दु:ख में पुकारा हो – माता
(श्री मेहुल )
किसी मकान में पूरी ज़िन्दगी बिना मरम्मत के रहने का आपको हक है ?
फिर इस शरीर को बिना सात्विक क्रियायों के और पौष्टिक आहार दिये बिना Full Term कैसे जी सकते हो ?
चिंतन
Difference between Truth & Life –
Truth is a debit card: Pay first & Enjoy later.
Life is a credit card : Enjoy first & Pay later.
(Mr. Dharmendra)
हल्दी, खांसी आदि कई बीमारी ठीक करती है पर सारे मसालों में सबसे पहले खराब होती है, उसे घुन जल्दी लगता है ।
जो दूसरों को ठीक करने में लगे रहते हैं,
वे यदि सावधानी ना बरतें तो खुद जल्दी ही खराब हो जाते हैं, अभिमान आने की बहुत संभावना रहती है ।
चिंतन
Half of sorrows we earn by expecting good things from wrong people,
And half of sorrows we earn by expecting wrong things from good people.
मांग कर पहने हुये गहनों पर गर्व कैसा ?
यह सब वैभव “पुण्य रूपी” साहुकार से मांग कर लाये हो,
जिस दिन वह मांग बैठेगा, सब वापस करना पड़ेगा ।
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