आपको शराब और शर्बत Offer किए जाये तो Selection आपके हाथ में है ।
यदि शराब पी तो नशा आएगा ही, थू थू होगी ही ।
कर्म करने से पहले Choice आपके हाथ में है, करने के बाद फल आपके वश में नहीं है ।
ज़िंदगी के पहले कपड़े (लंगोटी) में ज़ेब नहीं होती;
आखिरी कपड़े (कफ़न) में भी ज़ेब नहीं होती ।
फिर क्यों हम अपनी ज़िंदगी को ज़ेब भरने में बरबाद कर रहे हैं ?
चिंतन
Ten Words………………
AVOID IT
USE IT
OVERCOME IT
VALUE IT
KEEP IT
IGNORE IT
ACHIEVE IT
DISTANCE YOURSELF FROM IT
ACQUIRE IT
MAINTAIN IT.
(Mr. Sanjay)
चलनी ने सुई से कहा कि तेरे मुँह में छेद है ।
सुई – अपनी ओर तो देख ले, तेरे तो पूरे शरीर में छेद ही छेद हैं ।
जो अकल की बात को अकल में बैठा ले, वह अक्लमंद।
बुद्धू को अकल की बात बताओ तो उल्टा पड़ जाता है ।
तुम क्यों बता रहे हो ?
क्या मुझ में अकल नहीं है ?
क्या हम सब भी गुरूओं/भगवान की बातों को उल्टा नहीं ले रहे ?
चिंतन
मोक्षमार्ग दो ही हैं ।
1. साधना
2. आराधना
जब तक साधना नहीं कर पा रहे हो, तब तक आराधना तो करो ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
बाहर का कचड़ा ( अपशब्द, Criticism ) झेलने की आदत ड़ाल लो,
अंदर का कचड़ा अपने आप साफ होने लगेगा ।
चिंतन
Without GOD our days would be :
Sinday, Mournday, Tearsday, Wasteday, Thirstday, Fightday & Shatterday.
Remember 7 days without God makes 1 “WEAK”.
Happy Weekend
(Ms. Shuchi)
संघर्ष और तनाव कि वजह क्रमश: अहं और वहम है ।
अज्ञानी अधिक में कम बोलता है ( सार की बात कम ),
ज्ञानी कम में ज्यादा बोलता है,
ध्यानी मौन रहता है ।
The first 2 letters of ‘GOAL’ is ………GO
(Mr. Sarthak Garg)
चलने से ही Goal प्राप्त होता है
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की चातुर्मास स्थापना अतिशय क्षेत्र श्री बीना-बारहा जी जिला सागर (म.प्र.) में,
तथा
मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज की चातुर्मास स्थापना शाहपुर जिला सागर (म.प्र.) में दिनांक 25जुलाई को संपन्न हुई ।
एक चोर को सेठ ने रात को चोरी करते हुये देख लिया ।
अगले दिन एक दावत में सेठ पंगत में बैठा, पास में ही वह चोर भी बैठा था । सेठ को शक हो गया ।
सेठ बार बार पूछता था – क्या रात को तू ही था ?
चोर सिर हिला कर मना करता रहा ।
मिष्ठान/पकवान परोसने वाले समझते कि इसे मिष्ठान/पकवान नहीं चाहिये और वे बिना परोसे आगे बढ़ते जाते ।
हम भी पूर्व के चोर हैं, मना करते रहते हैं और गुरूजन हितोपदेश ( मिष्ठान/पकवान ) बिना दिये आगे बढ़ जाते हैं ।
‘वर्ताव’ में बालक, ‘सत्य’ में युवा और ‘ज्ञान’ में वृद्ध बनो ।
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