अपना घर छोड़ना बडा़ मुश्किल काम है, अपना स्वभाव छोड़ना और भी मुश्किल, पर असम्भव नहीं |
गाय को यदि खूंटे से बांध कर नहीं रखा तो वह भटक जाती है ।
ज्ञान को भी यदि श्रद्धा के खूंटे से बांध कर नहीं रखा तो वह भी भटक जायेगा ।
सन् 1994 में गुरू श्री के प्रथम दर्शन करके गुना से लौट रहे थे ।
श्री जैसवाल ने अपने Managing Director श्री आई. महादेवन के बारे में बताया – “ये पक्के ईमानदार व्यक्ति हैं, इसलिये ऊपर से लेकर नीचे तक सब Department वाले, इनके खिलाफ हैं और इनको बहुत तंग किया करते हैं ।
दूसरी बात यह है कि ये सुबह 2 घंटे भगवान की पूजा पाठ करते हैं।”
रास्ते में उनसे पूछा – आप रोजाना 2 घंटे धर्मध्यान करते हैं, उसके Return में आपको क्या मिला ?
श्री महादेवन ने ज़बाब दिया – “Material world में कुछ नहीं मिला, पर जब भी मेरे जीवन में दिक्कत आती है, तब मेरा यही धर्मध्यान मुझे सम्बल देता है, इसी के सहारे मैं सबको Face कर पा रहा हूँ।”
श्री के. के. जैसवाल
श्रीमति शकुंतला जी की आर्यिका दीक्षा सोनागिर जी में 23 मई 2010 को संपन्न होनी थी । Programme पता करने के लिये, उनके पुत्र श्री पंकज को Phone किया । श्री पंकज के दो नं. मेरे Mobile की Memory में Save थे – पहला ‘Shop’ का, जिसके लिये पंकज के नाम के आगे ‘S’ लगाया गया था, दूसरा नं. ‘Mobile’ का था जिसे नाम के साथ ‘M’ लगाकर Save किया गया था ।
Dial करते समय आंखों पर चश्मा नहीं लगाया था, इस वजह से ‘Mobile’ की जगह ‘Shop’ वाला नं. Dial हो गया । गलती पता लगने पर दूसरा नं. Mobile वाला लगाया ।
मैंने पंकज से बोला –
दृष्टि सही नहीं हो तो, Dial करो ‘M’ For ‘मोक्ष’ – Call चली जाती है ‘S’ For ‘संसार’ को ।
चिंतन
“The amount of money that is in your bank at the time of your death,
is the extra work you did that you should not have done”.
San Francisco has become the first U.S.A. city to declare every Monday as VEG-DAY.
G-8 News (shri Sandeep)
( संसार के साथ साथ ) धर्म को भी बसाओ, बिसारो मत वरना अपने आप को पहचान नहीं पाओगे ।
बैल को बैल क्यों कहते हैं ?
बैल के घंटी इसलिये लटकी है कि कोई जब उसे भगवान का नाम सुनाये तो वो अपना सिर इधर उधर हिलाने लगता है, ताकि भगवान का नाम कान में ना पड़ जाये ।
विचार करें – कहीं हम बैल तो नहीं हैं ?
हवा ( गुरू ) के झोंके से भूसा ( विकार ) उड़ जाता है ।
अक्षय तृतीया ( वैशाख शुक्ल तीज )।
इस दिन भगवान आदिनाथ ने अपना पहला आहार इक्षुरस ( गन्ने का रस ) से लिया था, जो राजा श्रेयांस के द्वारा दिया गया था ।
एक दिन एक चूहा Dustbin में पूरा ना घुसकर वापस आ गया, क्योंकि उसकी Surface चिकनी थी ।
लेकिन हम संसार के चक्रव्युह में बाहर निकलने की चिंता किये बिना, घुसते ही जाते हैं ।
चिंतन
ज्ञायक बन गायक नहीं, पाना है विश्राम;
लायक बन नायक नहीं, जाना है शिवधाम।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
आगे बढ़ने से पहले, जो पहले नियम लिये हैं, उन्हें देख लो, विचार कर लो ।
पड़ौसी की दूसरी दुकान देखकर, अपनी दूसरी दुकान मत खोलो ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी (द्वारा- मुनि श्री आर्जवसागर जी)
संसार के लिये सब इंतज़ाम करते हैं, मोक्ष के लिये सिर्फ इंतज़ार ।
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