Tag: धर्म

धन अर्जन

धन अर्जन, धर्म के साथ किया जा सकता है, पर धन का सदुपयोग तप है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

Read More »

धर्म

धर्म में फायदा हो या ना हो, पर घाटा कभी नहीं होता । यह उपवन है यहां मन कभी नहीं लगाना पड़ता । आर्यिका श्री

Read More »

प्रकृति

प्रकृति का हर काम मंद/सहज है, पर कुछ भी miss नहीं होता । हमारा हर काम तेज/हड़बड़ी में होता है, इसलिये हम आवश्यक काम भी

Read More »

विज्ञान और धर्म

विज्ञान में ज्ञान पहले, विश्वास बाद में होता है, जबकि धर्म में विश्वास पहले, ज्ञान बाद में आता है । (श्री गौरव)

Read More »

धर्म

धर्म के बारे में सोचा नहीं जाता, बस अधर्म कम करते चले जाओ, धर्म स्वंय जीवन में आता जायेगा । अधर्म का अभाव ही धर्म

Read More »

चारित्र

मंदिर का निर्माण कारीगर ऊपर चढ़कर ही करता है । चारित्र की सीढ़ी पर चढ़े बिना व्यक्तित्व (धर्म) का निर्माण सम्भव नहीं है । आर्यिका

Read More »

धर्म

शरीर रूपी बर्तन में काई/गंदगी तो लगेगी ही, इसे धर्म की राख से रोज़ाना साफ करना होगा । मुनि श्री सौरभसागर जी

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

April 21, 2012

May 2024
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031