आत्मा
निश्चय से आत्मा के अनंत/ अनेक गुणों को जानना,
तथा
व्यवहार से उन गुणों को जीवन में उतारना।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
निश्चय से आत्मा के अनंत/ अनेक गुणों को जानना,
तथा
व्यवहार से उन गुणों को जीवन में उतारना।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने आत्मा को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। जैन धर्म में निश्चय अटल है लेकिन उसको व्यवहार धर्म का भी पालन करना परम आवश्यक है।