पुरुषार्थ
सच्चा पुरुषार्थ पुण्य कमाना नहीं, पुण्यवान बनने में है;
और
ऐसा करने वाला पुण्यजीव होता है, यह सम्यग्दृष्टि ही कर सकता है ।
मिथ्यादृष्टि जीव भी पुण्य तो कमा सकता है पर रहेगा पाप जीव ही ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
सच्चा पुरुषार्थ पुण्य कमाना नहीं, पुण्यवान बनने में है;
और
ऐसा करने वाला पुण्यजीव होता है, यह सम्यग्दृष्टि ही कर सकता है ।
मिथ्यादृष्टि जीव भी पुण्य तो कमा सकता है पर रहेगा पाप जीव ही ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
यह कथन सत्य है कि सच्चा पुरुषार्थ पुण्य कमाना नहीं होता है लेकिन पुण्यवान बनने में होता है। ऐसा करने वाला पुण्यजीव होता है यह सब सम्यग्द्रष्टि ही कर सकता है। यह भी सत्य है कि मिथ्थादृष्टि जीव पुण्य तो कमा सकता है लेकिन पाप जीव ही रहेगा।