सम्यग्दृष्टि
सम्यग्दृष्टि की दो अलोकिक शक्तियाँ –
1. भेदविज्ञान जो उन्हें संभाल कर रखता है,
2. वैराग्य उन्हें सही दिशा देता है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
सम्यग्दृष्टि की दो अलोकिक शक्तियाँ –
1. भेदविज्ञान जो उन्हें संभाल कर रखता है,
2. वैराग्य उन्हें सही दिशा देता है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
जो लोग सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान और सम्यक् चारित्र पर श्रद्बान करते हैं उन्ही को भेद विज्ञान की समझ होती है। अतः सम्यक् द्ष्टि लोग भेद विज्ञान को संभाल कर रखता है और वैराग्य की सही दिशा प़ाप्त होती है।