मन:पर्यय ज्ञान

मन के आलम्बन से जाना जाता है तो मतिज्ञान क्यों नहीं कहा ?

चंद्रमा को देखने आकाश की साधारण अपेक्षा होती है, पर है तो चक्षुज्ञान का विषय ।
मन कारण है, कार्य तो होता है आत्मा की विशुद्धि से ।

श्री तत्वार्थमंजूषा – 1/77

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