Category: चिंतन
याद करना
तीन तरह के लोग होते हैं, उसी के अनुसार उनको याद किया जाता है– 1. विशेष गुण वाले । 2. अवगुण या शारिरिक कमी वाले
दीपावली
हम लक्ष्मी के स्वागत में सजावट करते हैं/दीप जलाते हैं/पटाखे चलाते हैं(पर भूल जाते हैं-प्रदूषण को,अहिंसा को) दीपावली दो महान कार्यों के लिये मनायी जाती
धर्म की प्रासंगिकता
आज के समय में धर्म की प्रासंगिकता कितनी है ? दु:ख में धर्म की ज़रूरत ज्यादा होती है/महत्त्व ज्यादा महसूस होता है। पंचमकाल/कलयुग में दु:ख
नियंत्रण
मौसम के अनुसार हम पंखे की Speed को नियंत्रित करते रहते हैं। क्रोधादि को क्यों नहीं करते ? जबकि ताकतवरों के सामने/ ग्राहकों के सामने
कर्म-बल
पूरे दिन घने बादल छाये रहे, भानु के अस्तित्व का भी भान नहीं हो रहा है, उस जैसा प्रतापी भी मुंह छिपाये बैठा है ।
सम्बंध
जब तक अपने को शरीर मानते रहेंगे, संसारियों से सम्बंध बने रहेंगे, प्रगाढ़ होते रहेंगे । जब आत्मा मानने लगोगे तब परमात्मा से… । चिंतन
अंतरंग की सफाई
बाहर का कचरा ( अपशब्द/ Criticism ) झेलने की आदत डाल लो, अंदर का कचरा अपने आप साफ होने लगेगा । चिंतन
अक्लमंद
जो अकल की बात को अकल में बैठा ले, वह अक्लमंद। बुद्धू को अकल की बात बताओ तो उल्टा पड़ जाता है। तुम क्यों बता
भगवान
भगवान में तो सैकड़ों सूर्य का तेज है, इनसे दूर से ही प्रेरणा लेना। अपने काम कराने की प्रार्थना भी मत करना, भगवान आ भी
ध्यान
क्रियात्मक प्रवृत्ति तथा भावात्मक निवृत्ति को छोड़कर जो बचा, वह ध्यान कहलाता है । चिंतन
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