Category: अगला-कदम

वर्गणाऐं

वर्गणाऐं एक सी होती हैं पर पाप/पुण्य से उनमें विशेषता आ जाती है । जैसे काले शरीर में नोकर्म वर्गणाऐं काली बनकर आयेंगी, गोरे के

Read More »

सिद्धों की संख्या

आकाश से सिद्ध बनने वालों से धरातल के नीचे से संख्यात गुणे तथा उनसे भी संख्यात गुणे धरातल से । श्री हरिवंश पुराण (आकाश से

Read More »

मिथ्यात्व के टुकड़े

सम्यग्दर्शन होने के बाद या पहले, मिथ्यात्व के टुकड़े होते हैं ? 2 मत हैं -एक के अनुसार पहले तथा दूसरे के अनुसार सम्यग्दर्शन होने

Read More »

सिद्ध भगवान में दानादि

सिद्ध भगवान में दानादि (भोग, उपयोग) कैसे घटित करें ? ये दानादि, नाम कर्म के उदय से प्रकट/घटित होते हैं । सिद्ध भगवान में आज्ञा-विचय

Read More »

आबाधा

दो प्रकार – 1. उदय की अपेक्षा – आयुकर्म को छोड़कर बाकी 7 कर्मों की 1 कोड़ा कोड़ी सागर पर 100 बर्ष । 2. उदीरणा

Read More »

विपुलमति ज्ञान

विपुल यानि बड़ा । श्रेणी चढ़ने पर नीचे नहीं आते, 6, 7 गुणस्थान में ऊपर नीचे हो सकते हैं पर 6, 7 में दुबारा आने

Read More »

मोहनीय की शक्ति

धर्म-ध्यान से मोहनीय कर्म का क्षय दसवें गुणस्थान तक हो जाता है तो ज्ञानावरण आदि कर्मों का क्षय क्यों नहीं होता है ? आचार्य श्री

Read More »

अजीवादि का ज्ञान

जीव, संवरादि का ज्ञान करना तो सही है पर अजीव, आश्रवादि का क्यों ? आचार्य शांतिसागर जी – संवरादि तो रत्न हैं जो आश्रवादि रेत

Read More »

सामान्य केवली

इनकी शुभ वर्गणाओं का अनुभाग उत्कृष्ट/तीर्थंकरों जैसा ही होता है । क्षपक श्रेणी चढ़ते समय सबका अनुभाग उत्कृष्ट हो जाता है । पं. रतनलाल बैनाड़ा

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives

July 29, 2017

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930