मोहर में अक्षर उल्टे लिखे होते हैं (हमारे संस्कार),
पर स्याही की (सु)संगति पाकर उसकी छाप सीधी आती है ।

(डॉ.पी.एन.जैन)

जिनको तप से डर लगता है वे कम से कम भक्ति करके अपने कल्याण की शुरुआत करें ।
फिर तप की क्या ज़रूरत ?
काढ़े से बुखार 7 दिन में उतरता है, उपवास से 3 दिन में ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

जैसे मिठाई के नाम से ही मुँह में गीलापन आ जाता है/ तृप्ति सी लगने लगती है,
ऐसे ही भक्ति से भगवान आ नहीं जाते, पर गीलापन(आंखो में)/तृप्ति(हृदय में) आ जाती है ।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

यदि सामने वाला समता भाव के योग्य न हो तो ?
समता भाव अपनी योग्यता के अनुसार धारण किया जाता है न कि सामने वाले की योग्यता के अनुसार ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

नियम लेने से पहले अपनी क्षमता और आसपास के वातावरण को ध्यान में रखें ।
नियम लेने के बाद उसे बनाये रखने के फायदे और तोड़ने के दुष्परिणामों का विचार करें, तो नियम कभी टूटेंगे नहीं ।

धर्म को Washing Powder ना मानें कि पहले प्रयोग करें फिर विश्वास करें,
बल्कि बीमा जैसा मानना – “जीवन के साथ भी, जीवन के बाद भी”

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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