पांच पहर धंधा किआ,
तीन पहर* गये सोय,
एकौ घड़ी ना हरि भजे,
मुक्ति कहाँ से होए !

पहर = 3 घंटे

(नरेश सैनी)

व्यवसाय को नौकरी से अच्छा इसलिये कहा…
क्योंकि
यह Running है (मरने के बाद भी बच्चों को मिलेगा) ।

ज्ञान, तप, नियम ऐसे ही बेहतर होते हैं क्योंकि उनका अभ्यास नियमित किया जाता है ।

मुनि श्री सुधासागर जी

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