If you expect the world to be fair with you because you are fair.
It is like : Expecting the lion not to eat you because you don’t eat the lion.

गुरू लोग भविष्यवाणी करके प्राय: लोगों की अल्पायु के बारे में क्यों बताते थे ?

1. लोगों के पूछने पर ही बताते थे ।
2. सत्य बोलते थे ।
3. यह भावना भी रहती थी कि इस अल्प समय में ये व्यक्ति अपना कल्याण कर ले ।

चिंतन

भोपाल के ड़ॉ. एस. के. जैन का निधन हुआ ।

ड़ॉ. जैन ने असहायों की सहायता, अपनी तथा समाज की सीमाओं के बाहर जाकर भी की ।

उनकी भावनाओं से प्रेरित होकर उनके पुत्र ने –

  • नेत्र दान कराया
  • खूब दान दिया
  • गरीबों को भोजन कराया
  • वृक्षारोपण किया

मज़ा – मन को प्रफुल्लित करता है,
सुख – शरीर को प्रफुल्लित करता है,
आनंद – आत्मा को प्रफुल्लित करता है ।

मन का मज़ा, आत्मा की सज़ा है ।

ब्र. नीलेश भैया

पुण्योदय : साधूजन को कोई भी अपशब्द नहीं कहता.
पापोदय + पुण्योदय : साधारणजन को कोई कोई अपशब्द कहता है,
पापोदय : भिखारी को हर कोई अपशब्द कहता है ।

चिंतन

किसी ने कहा – तुम  “भीतर”    जाओ,
आचार्य श्री ने कहा – तुम “भी तर” जाओ ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

गांव में रहो तो वैसी ही भाषा, वैसा ही आचरण हो जाता है, शहर की बात तो कर लेते हैं पर वैसी भाषा और आचरण नहीं कर पाते हैं ।
एक बार शहर में आ गये तब वहाँ जैसा व्यवहार आदि होने लगता है तथा गांव की याद भी नहीं आती है ।
यही संसार और वैराग्य में होता है ।

ब्र. नीलेश भैया

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