Life itself can not give you anything unless you really work for it…
Life just gives you time and space,
it is up to you to fill it as much as possible.

(Dr. Sudheer)

क्या भरोसा है ज़िंदगी का, इंसान बुलबुला है पानी का ।
जी रहे हैं हम कपड़े बदल बदल कर, एक दिन एक ही कपड़े में ले जायेंगे लोग हमें, कंधे बदल बदल कर ।

(श्रीमति रिंकी)

रावण ने सीता को अपनाने के लिये जब अपना रूप राम का रखा, तब उसने कहा –
“राम कौ रूप बनावत ही, मोहे मात सी लागत नारि पराई”

मुनि श्री सौरभसागर जी

हम ईमानदारी निभा नहीं पाते, सो ईमानदारी की परिभाषा ही अपने अपने अनुसार बदल लेते हैं ।
धर्मानुसार चल नहीं पाते, सो धर्म का रूप अपने अपने अनुसार बदल लेते हैं ।

चिंतन

हमारे मुनिराज धन ना होने पर भी निर्धन नहीं हैं, अपितु रत्नत्रयी* रूपी धन से धनी हैं ।

(श्रीमति रिंकी)

॰ सच्चे देव गुरू तथा शास्त्रों के प्रति पक्की श्रद्धा

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