(श्री आर. के. जैन के शिवपुरी collector का चार्ज संभालने पर )

1. Character वाला ही collector (जिलाधीश) बनता है ,
Characterless तो सिर्फ  collector (अपने लिये पैसे collect करने वाला) होते हैं |

श्री लालमणी भाई

2. कार्यप्रणाली वैसी जैसी श्री तुलसीदास जी ने कही –

“मुखिया मुख सौ चाहिये, खान पान में एक ।
पालै पोसे सकल अंग, तुलसी सहित विवेक ।।”

श्री जे. पी. पाठक

छोटा मोटा जादूगर भी अपना जादू सभ्रांत/धनाढ़्य लोगों को ही दिखाता है ।
तो देवकृत अतिशयों की आजकल कैसे आशा करते हैं,
जबकि हमारे पुण्य बहुत कम होते जा रहे हैं ।

चिंतन

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