Smaller things can upset more in life than bigger ones…
You can be on the top of a mountain,
but you can’t be on the top of needle.

(Mr. Sanjay)

पहले अनुकूल परिस्थतियों में आनंद से रहना सीखें,
फिर प्रतिकूल परिस्थतियों में आनंदित रहने की आदत ड़ालें ।

तब आप आनंद से परमानंद की ओर बढ़ने लगेंगे/मोक्ष नज़दीक आ जायेगा ।

चिंतन

समता की साधना और चारित्र की पवित्रता ही मोक्षमार्ग को प्रशस्त करती है ।

गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी

सबसे बड़ा ऐव संकोच है,
यही हमारे कल्याण में बाधक है ।
यह आता है, इस भाव से कि – हम सबको प्रसन्न रखें ।
पर हम भूल जाते हैं कि – ना हम किसी को प्रसन्न रख सकते, ना नाराज़,
सब अपने अपने कर्मोदय से सुखी-दुखी होते हैं ।

क्षु. गणेशप्रसाद वर्णी जी

एक कदम चलने वाला भी हजारों मील चल लेता है, कहीं से चलें तो सही ( प्रारंभ तो करें ) |

आचार्य श्री विद्यासागर जी

Archives

Archives
Recent Comments

April 8, 2022

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728