मंज़िल मिल ही जायेगी,
भटक कर ही सही,
गुमराह तो वो हैं,
घर से जो निकले ही नहीं ।
(श्री अंकुश)
एक व्यक्ति को दोष देखने की आदत थी। गुरू ने कहा जब किसी के दोष दिखें या बोलो तब अपने घर के सामने एक पत्थर रख लो।
थोड़े दिन में इतने पत्थर जमा हो गये कि घर में घुसना मुश्किल हो गया।
दोष-दर्शन वाले के अंत में इतने पत्थर जमा हो जाते हैं कि वह अपनी आत्मा में प्रवेश कर नहीं सकता।
दोष-दर्शन की वृत्ति रहेगी तो देवदर्शन / निज आत्मा के दर्शन नहीं होंगे।
रेशम का कीड़ा जब तक खुद अपने ऊपर रेशम के धागे को पूरी तरह से लपेट नहीं लेता,
कोई दूसरा उसे ज़िंदा उबलते हुये पानी में नहीं ड़ालता ।
चिंतन
(दूसरे लोग हमें दु:ख तभी दे पाते हैं जब हम खुद अपने आप को मोह के बंधन में बांध लेते हैं )
पुण्य क्रियायें रेल्वे की टिकिट हैं, जो आपको गंतव्य तक ले जाती हैं ।
बाई जी
Motivation is an external, temporary high that pushes you forward.
Inspiration is a sustainable, internal glow which pulls you forward.
(Dr. Sudheer)
अहं करना ही है तो अपने स्वरूप का करो,
अहं से अर्हम (अरहंत/भगवान) बन जाओगे ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
जब ज़िंदगी हंसाये तब समझना की अच्छे कर्मों का फल है,
और जब ज़िंदगी रूलाये तब समझना की अच्छे कर्म करने का समय आ गया है ।
(श्री मनीष)
क्षमा रूपी तलवार जिसके हाथ है, दुर्जन उसका क्या कर सकता है।
जैसे ईंधन से रहित स्थान में पड़ी हुई अग्नि स्वयं ही शांत हो जाती है।
(सम्यग्दर्शन पेज 374)
When you reach to edge of difficulty, Trust Him fully,
Two things can happen –
1) He will catch you, if you fall,
2) Or He will teach you, how to fly.
(Mr. Dharmendra)
भूमिका यानि भूमि तैयार करना।
ध्यान रहे, हमारा जीवन भूमि तैयार करने में ही न निकल जाये।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
No man has a good enough memory to make a successful liar.
Mr. Abraham Lincoln ( 16th President of US )
प्रश्न:- मेरे अच्छे कर्मों का इनाम कोई दूसरा ले जाये तो दुःख तो होगा न ?
श्रीमति शर्मा
उत्तर:-
- शुभ कर्म करते ही आपकी भाग्य पुस्तिका में तुरन्त Entry हो जाती है ।
- इस शुभ कर्म का यदि प्रचार प्रसार कराना चाहते हो तो पंड़ाल आदि लगाने का खर्चा कहां से आयेगा ?
आपकी ही पास-बुक से वह खर्चा निकाला जायेगा।
क्या आप चाहते हैं कि आपकी जमा पूंजी कम हो ?
- क्या ये कम है कि आप उस कर्म से और अच्छे इन्सान बन गये ?
Projectile Motion अधिक से अधिक किसी वस्तु को दूर फेंकने के लिये Sin 2 Ø से Calculate किया जाता है।
इसमें यदि Ø = 45 ड़िग्री हो तो Sin 2 Ø अधिक से अधिक यानि एक हो जायेगा।
सो अपने को अधिक से अधिक परिणाम लेने के लिये 45 ड़िग्री यानि बीच का रास्ता लेना होगा –
ना अकड़ के खड़े रहो ( 90 ड़िग्री नहीं ), ना किसी के सामने लेटो ( 0 ड़िग्री नहीं ) ।
मुनि श्री अनुभव सागर जी
सबसे ज्यादा गलतियां हम अपने आप से करते हैं।
फिर क्षमा सबसे पहले किससे मांगें ?
किसको पहले माफ करें ?
खुद को ।
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