धर्म

कुछ बच्चे  School ( धर्म ) में घंटी पर ओले की आवाज ( बहाना ) सुनकर  Class से भाग खड़े होते हैं ।
बाहर ( संसार ) के ओले ( दुख ) खाने को तैयार हैं, उसमें राजी हैं ।

चिंतन

जिव्हा 4 अंगुल की होती है । पर 32 सिपाहियों (दातों) के पकड़ में भी नहीं आती है, हाथ से भी Slip हो जाती है, और तो और दूसरे 32 सिपाही ( नकली दांत ) भी लगालो तो भी पकड़ में नहीं आती है, ना कभी बूढ़ी होती है, हमेशा लाल और रसदार होती है । भोजन करते समय पेट तो इशारा देता है, पर जिव्हा मानती ही नहीं, जिव्हा की शल्य चिकित्सा भी नहीं होती, पर इसकी वजह से पेट की करानी पड़ती है ।

हम ईमानदार होते हुये भी इस क्षेत्र में बड़े बेईमान हैं ।
( इससे बहुत सावधान रहना )

पैरों में कांटे गढ़े, आंखो में फ़ूल, आंखे चली क्यों ?
( पैर में कांटे तभी लगते हैं जब आंखे बाहर की सुंदरता से आकर्षित हो असावधान हो जातीं हैं। )

असावधानी से अच्छे  काम का Result भी अच्छा नहीं होता है ।

अंधे को खीर खाने दी ।
अंधे ने पूछा – खीर कैसी होती है ?
सफ़ेद ।
सफ़ेद कैसा होता है ?
बगुले जैसा ।
बगुले की गर्दन तो टेड़ी होती है, गले में फ़ंस जायेगी, मैं खीर नहीं खाऊंगा!

कुछ लोग, धर्म के क्षेत्र में इसीलिये नहीं आते क्योंकि शायद वे अंधे हैं, कहीं धर्म उनके गले में अटक ना जाये ।

श्री लालमणी भाई

S. L. भाई  ने आचार्य श्री से पूछा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा इतनी छोटी परिस्थितियों से उठ कर इतनी बड़ी जगह कैसे पहुंच गये ?
आचार्य श्री – सुना है वो गले में किसी हिन्दु भगवान की फ़ोटो लटकाते हैं, इसका मतलब अहिंसा में विश्वास रखते हैं, यह भी अपने आप में एक बड़ा कारण हो सकता है।
वैसे कर्म प्रक्रिया बड़ी जटिल है इसे समझना कठिन है।

एक बेटी ने कहा- आज भगवान ने मेरी इच्छा पूरी कर दी।
उसके छोटे से भाई(रेयन) ने कहा – ये सही नहीं है, आज परीक्षा में मुझे Twinkle कि Spelling नहीं आ रही थी, सो मैंने Teacher से पूछी।
उन्होंने कहा – Question Paper  में ही ढूंढो।
मैंने ढूंढ़ी तो Spelling, Question Paper में मुझे मिल गयी ।

भगवान खुद किसी की इच्छा पूरी नहीं करते, उसे पूरा करने का उपाय बताते हैं।

श्रीमति रिंकी

पुरूषार्थ तो खुद ही करना पड़ेगा।

एक व्यक्ति ने कहा – चाय छोड़नी है।
आचार्य श्री – चाय छोड़ने से पहले चाय की चाह छोड़नी चाहिये।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

Q.  आत्मा दिखती नहीं है, कैसे विश्वास करें ?
A. दूध में मक्खन दिखता है?
पहले दूध को तपाओ (तप),                                                                                                                     ठंडा करो (कषायें शांत),                                                                                                                             जमाओ (स्थिरता),                                                                                                                                     मथो (मनन),                                                                                                                                           फिर मक्खन (आत्मा) साफ़ दिखने लगेगा।

आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी

Archives

Archives

April 8, 2022

May 2024
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031