Category: चिंतन

सामुहिक प्रार्थना

सैना के पुल पर चलते समय, उनके मार्च की लय तोड़ दी जाती है । वरना मज़बूत पुल के भी टूटने का अंदेशा रहता है

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संसार कितना ?

संसार कितना बचा, यह तय होता है कि आप संसार में कितना Involve हैं/ धंसे हुए हैं । चिंतन

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कुपात्र / सुपात्र

सेवा से तो पुण्य और आनंद दोनों मिलते हैं, पर कुपात्र की करने से दुर्गुण और सुपात्र की से सदगुण आने की संभावना रहती है

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पैसे से पैसा

ग्वालियर में वर्षा कम होने का कारण – “नमी का कम होना” । इसीलिये रेगिस्तानों में बहुत कम तथा तटीय क्षेत्रों में बहुत ज्यादा बारिश

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बच्चों की परवरिश

बच्चों को राजकुमार मानो/राजकुमारों की तरह परवरिश करो, चलेगा । पर राजा मत मान लेना वरना वे ख़ुद तो सैनिक ही बन पायेंगे और माता-पिता

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सुधारना

यदि कोई नहीं सुधरता, छोड़ दें । पर किसी को बिगाड़ने (आदतें खराब करके) में निमित्त तो ना बनें । चिंतन

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धर्म में संतोष

धर्म-यात्रा में संतोष नहीं करना, वरना प्रगति रुक जायेगी । पर असंतोष भी नहीं, वरना निरूत्साहित हो जाओगे/दु:खी होओगे, जिससे कर्मबंध होगा । जैसी स्थिति

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कर्मोदय

कर्मोदय… बिल से निकला हुआ सांप है; छेड़ा, तो डसा ! शरीर पर से निकल रहा हो, तो भी शांति से निकलने देना, वरना लेने

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बीरबल की खिचड़ी

हमारी खिचड़ी* इसलिये नहीं पक पा रही है क्योंकि धर्म/गुरुओं का ताप दूर से/यदाकदा दे रहे हैं । चिंतन * आत्मोन्नति/ धर्म की

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दोष

दोष दूसरे बतायें तो Sorry से काम चल जायेगा; ख़ुद महसूस करें तो प्रायश्चित लें । चिंतन

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मंगल आशीष

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