Category: चिंतन

देव-दर्शन

एक रूपक – देवदर्शन करते समय ऐसा आभास हुआ कि भगवान पूछ रहे हों- तुम्हारे साथ एक बिटिया आती थी, आजकल दिखती नहीं है? हाँ

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व्यक्तित्व

व्यक्तित्व इतना भारी और गहरा होना चाहिये कि जाने के बाद तुरंत न उखड़ जाये/भुला न दिये जाओ। चिंतन

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भाग्य / पुरुषार्थ

कम प्रकाश में घड़ी में समय नहीं दिखता। दृष्टि को सुइयों पर केन्द्रित करें, तो समय का पता लग जाता है। कम या ज़्यादा प्रकाश

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इच्छा

रावण ने बहुरूपिणी विद्या सिद्ध कर ली थी। राम रावण के एक रूप को मारते थे, तभी उसके अनेक रूप पैदा हो जाते थे। इच्छा

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निरर्थक

अब मोबाइल नं. के पहले “0” लगाने की ज़रूरत नहीं। अगर Memory में पड़ा है तो हर्जा क्या है/ delete करने का क्या फायदा ?

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महानता

पुण्यात्मा व्यक्ति की महानता की कसौटी क्या है? उस पर कष्ट कम आये या ज़्यादा; अंततः उसकी मृत्यु कष्ट से हुई, या शांति से: महानता

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अशुभ से बचाव

पार्कों में कचड़ा न डाला जाए, इसलिए वहाँ देवताओं की मूर्तियाँ बैठा देते हैं। इसी प्रकार अपने मन को अशुभ भाव रूपी कचड़े से बचाने

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कृत्रिम / अकृत्रिम

मानव गगन चुंबी अट्टालिकायें तो बना सकता है पर सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह रोक नहीं सकता, वह ऊपर से प्रकाशित कर जायेगा। हाँ

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कृपण

सबसे बड़ा कृपण वह है जो कृपा न माने। चिंतन

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कर्मसिद्धांत और पुनर्जन्म

जो कर्मसिद्धांत पर विश्वास करते हैं, उन्हें पुनर्जन्म पर विश्वास करना ही होगा। वरना इस जन्म के अंत समयों में किये गये कर्मों का फल

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मंगल आशीष

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