Category: चिंतन
Men / Women
“M” और “W” एक दूसरे से उल्टे होते हुये भी एक दूसरे के पूरक हैं । “M” और “W” में तीन दिशाओं में तो Boundaries
सामुहिक प्रार्थना
सैना के पुल पर चलते समय, उनके मार्च की लय तोड़ दी जाती है । वरना मज़बूत पुल के भी टूटने का अंदेशा रहता है
संसार कितना ?
संसार कितना बचा, यह तय होता है कि आप संसार में कितना Involve हैं/ धंसे हुए हैं । चिंतन
कुपात्र / सुपात्र
सेवा से तो पुण्य और आनंद दोनों मिलते हैं, पर कुपात्र की करने से दुर्गुण और सुपात्र की से सदगुण आने की संभावना रहती है
पैसे से पैसा
ग्वालियर में वर्षा कम होने का कारण – “नमी का कम होना” । इसीलिये रेगिस्तानों में बहुत कम तथा तटीय क्षेत्रों में बहुत ज्यादा बारिश
बच्चों की परवरिश
बच्चों को राजकुमार मानो/राजकुमारों की तरह परवरिश करो, चलेगा । पर राजा मत मान लेना वरना वे ख़ुद तो सैनिक ही बन पायेंगे और माता-पिता
सुधारना
यदि कोई नहीं सुधरता, छोड़ दें । पर किसी को बिगाड़ने (आदतें खराब करके) में निमित्त तो ना बनें । चिंतन
धर्म में संतोष
धर्म-यात्रा में संतोष नहीं करना, वरना प्रगति रुक जायेगी । पर असंतोष भी नहीं, वरना निरूत्साहित हो जाओगे/दु:खी होओगे, जिससे कर्मबंध होगा । जैसी स्थिति
कर्मोदय
कर्मोदय… बिल से निकला हुआ सांप है; छेड़ा, तो डसा ! शरीर पर से निकल रहा हो, तो भी शांति से निकलने देना, वरना लेने
बीरबल की खिचड़ी
हमारी खिचड़ी* इसलिये नहीं पक पा रही है क्योंकि धर्म/गुरुओं का ताप दूर से/यदाकदा दे रहे हैं । चिंतन * आत्मोन्नति/ धर्म की
Recent Comments