Category: चिंतन
मृत्यु
संसार रूपी किताब के हम पन्ने हैं। मृत्यु ,पन्ना पलटना है, किताब से अलग होना /फटना नहीं। पन्ना पलटने पर, उस पर लिखा उपयोगी याद
भूचाल
दो दिनों से भूचाल का कहर देख रहे हैं, पीड़ितों के प्रति सद्भावना तथा उनकी सहायता करें, विचारें – भूमि अपना स्वभाव छोड़कर जब चलने
सामर्थ
लकड़ी जितनी ज्यादा जले, उतना तेज प्रकाश और ताप । कागज जले तो राख । चिंतन
मोह/कर्तव्य
अपनों के लिये किये गये कार्य प्राय: मोहवश होते हैं, दूसरों के लिये किये गये कार्य कर्तव्यवश । चिंतन
सुनना
कटु शब्दों को एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दें। प्रशंसा के लिये दोनों कान बंद कर लें। धर्म-चर्चा के लिये दोनों खुले रक्खें
ज्ञान
अंधकार में दिखायी नहीं देता, तीव्र प्रकाश में भी नहीं । अज्ञानी भटकता है, अतिज्ञानी भी (घमंड़ से) । चिंतन
बचना/डरना/सहना
विपरीत परिस्थितियों से डरो मत, पर बचो, सिर पर आ ही जाये तो सहो (समतापूर्वक) । चिंतन
यात्रा
संसार रूपी वृत से, बिंदु रूपी स्वयं की ओर आने की यात्रा ही सार्थक है । संसार को समेटने की इच्छा से, अपने आप में
धर्म
प्रायः , धर्म याने अपना अपना काम, जैसे चोर चोरी को अपना धर्म कहता है। पर असली धर्म के माने हैं – जो अपना काम*
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