Category: डायरी
सच और झूठ
सच बढ़े या घटे, तो सच न रहे; झूठ की कोई इंतहा ही नहीं । श्री कृष्ण विहारी नूर (अरविंद)
राग
संसारियों से राग हमको कमज़ोर करता है, भगवान/ गुरु से राग हमको मज़बूत करता है । ब्र. रेखा दीदी
जाप
इसका शब्दार्थ क्या है और जाप करने से कर्म कैसे कटते हैं ? “ज” जन्म, “प” पाप; जो जन्म और पाप यानि संसार को समाप्त
पापों की सफ़ाई
नाली की गंदगी साफ करने, नाली/गंदगी में उतरना होता है । पापों की सफाई करने, पापों में (स्वीकार करना होगा कि हम पापी हैं) ।
साधु की साधना
साधु, साधुता के अयोग्य आदतों को दूर करने की साधना में लगे हैं, पर कभी कर्मों की ऐसी गठान आ जाती है, जहाँ साधना का
धर्मात्मा
पेड़ पाप नहीं करते, तो धर्मात्मा कहें ? नहीं, जो पाप को पाप मानकर पाप न करें, वह धर्मात्मा है ।
समस्यायें
समस्यायें रुकावट नहीं, मार्गदर्शक होती हैं कि आप सही दिशा में जा रहे हो ! गर्त में जाते/गिरते समय कोई रुकावट नहीं मिलती ।
उम्मीद
हम गोबर से भी यही Expect करते हैं कि वह हमारे पैरों में न आये/ पैरों में न लगे, मैं तो…अपना पैर नहीं बचाऊंगा ।
Recent Comments