Category: डायरी
किस्मत
अपनी किस्मत तो हर व्यक्ति खुद लिखता है पर लिखते समय मदहोश रहता है सो भूल जाता है कि क्या लिखा था। इसलिये ज्योतिषियों से
वर्तमान
यदि आप बार-बार भूतकाल में जाते हैं तो आप वर्तमान से ही तो चुरा रहे हो/ वर्तमान बचेगा ही नहीं। कानन विहारी
छिनना / मिलना
बेहतर, छिनने पर विश्वास रखें; (कि) बेहतरीन मिलने वाला है। जिज्ञासा….पैसे छिन जाने पर क्या बेहतरीन मिलेगा ?… रविकांत पूर्व में आपने किसी के पैसे
जीवों के भेद
अंडे देने वाले जीवों के कान बाहर नहीं होते जैसे कछुआ, मगरादि, बच्चे देने वालों के बाहर जैसे गाय, घोड़ादि। अनीता जी – शिवपुरी
सृष्टि की व्यवस्था
सृष्टि अनमोल ख़जानों से भरी है पर एक भी चौकीदार नहीं है। व्यवस्था ऐसी की गयी है कि अरबों लोगों के आवागमन के बावजूद कोई
दौलत
दौलत ऐसी तितली है जिसे पकड़ते-पकड़ते हम अपनों/ भगवान से दूर निकल जाते हैं। (सुरेश)
लोक मूढ़ता
मरी मछली ही धारा के साथ बहती है, ज़िंदा तो धारा के विपरीत भी। स्वामी विवेकानंद
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