Category: डायरी

ज़िदगी

ज़िंदगी दो हिस्सों में ख़त्म हो जाती है -> 1. अभी उम्र नहीं है। 2. अब उम्र नहीं रही। (सुरेश)

Read More »

भगवान के दर्शन

यदि भगवान अचानक आपके सामने आ जायें तो क्या करोगे ? पहले Confirm करें; भगवान ख़ुद आये हैं या हम भगवान के पास गये हैं।

Read More »

आक्रोश और सुधार

Google Map, Route बताता है पर बार-बार ग़लत चले जाने पर नाराज़ नहीं होता, बार-बार Reroute बता-बता कर दिशा निर्देश देता रहता है। और हम

Read More »

Leader

Kanan Jaswal’s Thought of the Day: While the strength of a chain is that of the weakest link, a team is as strong as the

Read More »

वृद्धावस्था

कभी ये मत सोचिए कि अब इस उम्र में कुछ नहीं रहा। सूखे मेवे हमेशा ताजे फलों से महंगे होते हैं। (दिव्या जैन)

Read More »

दौड़ का फल

सारी ज़िंदगी की दौड़ का महनताना भी खूब है, चेहरे पर झुर्रियाँ अपनों से दूरियाँ।

Read More »

रसमय जीवन

🌹🌹🌷🌹🌹🌷🌹🌹 गन्ने में जहाँ गाँठ होती हैं, वहाँ रस नहीं होता…! जहाँ रस होता हैं, वहाँ गाँठ नहीं होती…! बस जीवन भी ऐसा ही है,

Read More »

Kindness

“Kindness is like snow. It beautifies everything it covers.” — Khalil Gibran

Read More »

मन कैसे टिके ?

गुरु → पिल्ले को 1 सप्ताह के लिए अपने पास रखा था। पर वह तो बार-बार भाग जाता था। तब उस पिल्ले की खूब सेवा

Read More »

जबाब / प्रतिक्रिया

ख़ामोशी हर सवाल का बेहतरीन जबाब है। और मुस्कुराहट हर हालात की बेहतरीन प्रतिक्रिया। (सुरेश)

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

January 24, 2024

May 2024
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031