Category: डायरी
विदेशों में तिथियाँ
विदेशों में तिथियाँ वहाँ के देशांतर/अक्षांशादि से निकालना चाहिये । पर वहां ऐसे कलैंडरादि होते नहीं हैं इसलिये वहाँ भारत की तिथि मानते हैं ।
संगति
भौंरे और गोबर के कीड़े की मित्रता हो गई, भौंरा गुबरीले से मिलने गया तो उसको गोबर खाने को दिया, दुर्गंध सहनी पड़ी । गुबरीला
वेदना / संवेदना
अपने दु:खों से दुखी होना वेदना, पाप-बंध; दूसरों के दु:खों से दुखी होना संवेदना, पुण्य-बंध ।
भाग्य
बरसे बादल वहाँ वहाँ, थे सागर जहाँ जहाँ । हवाओं का क्या दोष ? फ़रमान था, ऊपर वाले का । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
सम्बंध
सम्बंध बनाना जैसे मिट्टी पर मिट्टी लिखना, सम्बंध निभाना जैसे पानी पर पानी लिखना । या कहें – बनाना जैसे मिट्टी में पानी मिलाना, निभाना
जीवन-रथ
जीवन रूपी रथ के… घोड़े – कर्म हैं, पहिये – कर्मफल (धीरे/ तेज/ कीचड़ में धसना), विवेक – सारथी (घोड़ों को optimum दौड़ाना पर थकाना
संयम
सत्यनिष्ठा की लौ पर, रख दी सलीके से, संयम की चिमनी; प्रकम्पित न हो ताकि, प्रलोभन की आंधी में । (गुरुवर मुनि श्री क्षमा सागर
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