जो संसार से विभक्त होकर,
भगवान/गुरु के चरणों में समर्पण कर दे ।

जैसे बकरी के वज़न को संतुलित किया जाता है…
खूब खिला कर शेर के पिंजरे के पास बांध कर,
वैसे ही सांसारिक कार्यों के साथ (परमार्थ में पूरी श्रद्धा रखते हुये) 6 आवश्यकों को करते रहने से, संतुलन बना रहता है ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

देश के पतन का कारण …
स्वतंत्रता के पहले की कर्म-भूमि को हमने स्वतंत्रता के बाद भोग-भूमि में बदल दिया है ।

मुनि श्री प्रमाण सागर जी

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