मिट्टी पानी के बहाव के साथ बह जाती है,
पर आग से तपा(आग की संगति में रहा) घड़ा नहीं, उसी पानी को बांध कर रखता है ।

गोचरी-वृत्ति याने जैसे गाय नीचे मुँह करके/बिना इधर उधर देखे अपना भोजन करती रहती है ।
ऐसे ही साधु-प्रवृत्ति वाले भी अपने काम से काम रखते हैं ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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