Winning Horse does not know – why it runs in race.
Actually he runs because of beats and pains.
God is our rider, if you are in pain, think of God – He wants you to win.
(Mr. Dharmendra)
कर्ज़दार निस्तेज रहता है ।
तेज वापस पाना है तो कर्ज़ चुका दो,
माता-पिता का, गुरू, समाज, धर्म का ।
यदि पूर्व (शुभ) की ओर जाओगे,
तो पश्चिम (अशुभ) स्वत: ही दूर होता जायेगा ।
आचार्य श्री विद्यानंद जी
जैसे गरिष्ठ खाना देर में पचकर, रस बनता है,
वैसे ही बड़े बड़े पाप और पुण्य देर में फल देते हैं ।
पं रतनलाल जी (इन्दौर)
एक आदमी सपने में अपने घर को जलता देख रोने लगा,
इस आग को बुझाने के लिये कितनी बाल्टी पानी चाहिये ?
पानी नहीं, उस आदमी को जगाने की आवश्यकता है ।
सूखे कपड़े पर जहां जहां पानी पड़ जाये, वहां वहां उसकी पारदर्शिता बढ़ जाती है ।
ऐसे ही जब मन भीग जाता है, उसकी भी पारदर्शिता बढ़ जाती है ।
चिंतन
हमें भी सीखना होगा, संभलकर चलना,
ज़िंदगी के रास्ते समतल नहीं होंगे ।
अपने सवाल दूसरों से हल नहीं होंगे ।।
(श्रीमति शशि)
Life laughs at you, when you are unhappy,
Life smiles at you, when you are happy,
Life salutes you, when you make others happy.
(Mr. Sanjay)
मुम्बई में 9 दिसम्बर 2010 को एक बिटिया की शादी हुई, पिता हैं श्री दिलीप घेवारे (Deputy Collector ) ।
शादी में कंदमूल और आतिशबाजी का निषेध तो था ही साथ ही तीन विशेष बातें भी देखी गईं –
- सुबह 6 बजे विदा से पहले, पिता स्वाध्याय कर रहे थे ।
- विदा के समय पिता की आंखों में एक भी आंसू नहीं था ।
- विदा के तुरंत बाद पिता सबको लेकर मंदिर के लिये प्रक्षाल और पूजा करने चले गये ।
आज से 41 साल पहले भी आगरा में ऐसा ही कुछ देखा गया था –
श्री नित्यानंद जी जैन की बेटी मधु जी की सगाई होने वाली थी, श्री नित्यानंद जी ने लड़के की माँ श्रीमति कलावती जी से निवेदन किया कि मेरा स्वाध्याय का समय हो रहा है, यदि आप आज्ञा दें तो मैं मंदिर चला जाऊं, सगाई की रस्म मेरी पत्नी तथा बेटे कर लेंगे । लड़के की माँ ने खुशी खुशी आज्ञा दे दी और सगाई की रस्म लड़की के पिता की अनुपस्थिति में संपन्न हुई ।
शादी के बाद विदा के समय पिता मंदिर से लौट रहे थे और बेटी को आशीर्वाद तथा धर्म पर चलने की सलाह देकर आगे चले गये ।
ऐसे व्यक्तियों से हम भी सीखें कि धर्म, सांसारिक कर्त्तव्यों से बहुत ऊपर है/महत्त्वपूर्ण है ।
गाड़ी के पहिये में औगन (Black Lubricating Oil) उतना ही ड़ालो, जिससे आवाज आना बंद हो जाये ।
ज्यादा ड़ालोगे तो कपड़ों पर फैलेगा, कपड़े गंदे होंगे ।
शरीर में औगुन ( प्रमाद ) आ जायेंगे, क्योंकि जो शरीर की ज्यादा देखभाल करते हैं उनके शरीर संबधी वासनायें आने की सम्भावनायें बढ़ जाती जाती हैं ।
पापी से नहीं पाप से घ्रणा करो ।
पापी से घ्रणा करोगे तो पापी दूर होगा,
और पाप से घ्रणा करोगे तो पाप दूर होगा ।
Amit Jain ’Ranu’ (Tikamgarh)
दस साल तक के बच्चों के नि:शुल्क हृदय चिकित्सा के लिये कॄपया 080-28411500 पर संपर्क करें ।
( श्री मेहुल )
नई नई आंखें हों, तो हर मंजर अच्छा लगता है,
कुछ दिन शहर में घूमे, लेकिन अब घर अच्छा लगता है ।
कमीज का यदि पहला बटन गलत लग गया तो आगे के सारे बटन गलत ही लगेंगे ।
(हो सकता है कि आखरी बटन पेंट के काज में चला जाये )
मुनि श्री तरूणसागर जी
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