गत वर्ष के साथ – मिट जाये तिमिर मिथ्यात्व तेरो ।
नव वर्ष में – उदय रवि आतम हो,
भाग्य तेरा उदय आए कि प्रभु दर्शन लखते रहो ।।

अनुकूलताओं में यदि ज्यादा खुश हुये तो प्रतिकूलताओं में ज्यादा दुःखी होंगे ही ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

दवा की शीशी पर पूरे Ingredients , बीमारी का नाम तथा लेने की विधि लिखी रहती है,

फिर  भी Under Direction Of Doctor लिखा जाता है ।

शास्त्रों में सबकुछ लिखा होने के बावजूद भी गुरू के Direction की आवश्यकता है ।

मुनि श्री क्षमासागर जी

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