Category: डायरी
नाम
रूपक… भगवान महावीर अस्थि-गाँव (हत्यारे लोगों का) में जा कर ध्यान मग्न हो गये। लोगों के अपशब्दों से विचलित न होने पर उनसे कहा…इतना मारेंगे
बिंदु / सिंधु
छोटा हुआ तो क्या हुआ जैसे आँसू एक, सागर जैसा स्वाद है; तू भी चख कर देख। बिंदु की श्रद्धा ही, सिंधु की श्रद्धा है।
औकात
कबाड़ी ने कबाड़ सामान खरीदते समय एक भगवान का फोटो निकाल दिया। कारण ? आप बड़े आदमी है, आप भगवान को बेच सकते हैं, मैं
मित्र / दुश्मन
ठंडे देश की एक चिड़िया देश छोड़ न पायी। ठंड में उसके पंख अकड़ गये, ज़मीन पर गिर गयी। एक गाय ने उसके ऊपर गोबर
व्रती
व्रती शब्द वृत से बना है, जिसकी परिधि हो। परिधि को भी छोटा करते जाते हैं। लगातार सुधार के कारण व्रत बोझल/ Boring नहीं लगते/
गुरु
गुरु मिलता है सहजता और सरलता से। रटी रटायी बातें नहीं कहता, देखी बात करता है। राह को साफ (Clean) *सुथरा बनाता है। (अंजली- जयपुर)
शांति
रोना हो तो हिंदी में, हंसना हो तो हिंदी में जीना हो तो शांति से, मरना हो तो शांति से। शांतिपथ प्रदर्थक (शांति तभी मिलेगी
कल्पना
हमारे सुख/ दुःख तथा कल्याण/ अकल्याण में प्रारंभिक/ मुख्य भूमिका कल्पनाओं की होती है।
उदारता
वनस्पति दो प्रकार की → 1. जो अपने फल खुले में रखते हैं/ पकने पर दूसरों के लिये गिराते रहते हैं जैसे आम, अमरूद। इन
मानसिक बल
आर्यिका श्री ज्ञानमति माताजी ने अपनी पुस्तक की टीका लिखने के लिये एक पंडित जी से कहा। उन्होंने असमर्थता का कारण बताया… पहले मैं युवा
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